सितंबर में कैबिनेट विस्तार करने के पीछे 2 महत्वपूर्ण तर्क दिए जा रहे हैं. कैबिनेट विस्तार के जरिए कई राज्यों की सरकार 2024 के सियासी समीकरण को साधने की तैयारी में है.
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार समेत देश के कई राज्यों में फिर से कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में तो इसी महीने के अंत में फेरबदल की होने की चर्चा है. पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में नए मंत्री बनाए जाने की बात कही जा रही है. विदेश जाने से पहले ममता बनर्जी ने अपने 6 मंत्रियों के विभागों में बड़ा बदलाव किया था.
कैबिनेट विस्तार के जरिए कई राज्यों की सरकार 2024 के सियासी समीकरण को साधने की तैयारी में है. ऐसे में मंत्रियों के चयन में 2024 चुनाव की छाप अभी से देखने को मिल सकती है. सितंबर में कैबिनेट विस्तार करने के पीछे 2 महत्वपूर्ण तर्क दिए जा रहे हैं.
पहला, अक्टूबर और नवंबर में त्योहारों का महीना माना जाता है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने की वजह से सभी पार्टियों के हाईकमान यहां व्यस्त हो जाएंगे. दूसरी वजह लोकसभा चुनाव की घोषणा है.
सब कुछ सही रहा, तो लोकसभा चुनाव की घोषणा फरवरी के अंत में हो सकती है. ऐसे में अक्टूबर-नवंबर में शपथ लेने वाले मंत्रियों को काम करने का मौका कम मिल सकता है.
- उत्तर प्रदेश- घोसी उपचुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में भी कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में एनडीए के सहयोगी सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंत्री बनने की बात कही है. यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने भी राजभर के मंत्री बनाए जाने पर बयान दिया है.
बीजेपी अध्यक्ष के बयान के बाद माना जा रहा है कि राजभर को जगह मिलना तय है. इसके अलावा, कुछ और मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. यूपी कैबिनेट में मुख्मयंत्री समेत अभी 52 मंत्री हैं. सरकार में कुल 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
योगी कैबिनेट में पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड संभाग से आने वाले कुछ विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. चर्चा सपा से बीजेपी में आए दारा सिंह चौहान के भी मंत्री बनाए जाने की है.
- महाराष्ट्र- हाल ही में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने बंद कमरे में एक मीटिंग की थी. इसके बाद ही महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज हो गई. शिंदे कैबिनेट में कुल 13 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. 2022 में उद्धव सरकार के गिरने के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी कोटे से 7, एनसीपी (अजित) कोटे से 3 और शिवसेना (शिंदे) कोटे से 3 मंत्री जल्द ही शपथ ले सकते हैं. शिंदे कैबिनेट का आखिरी विस्तार जुलाई 2023 में हुआ था. उस वक्त एनसीपी के अजित पवार समेत 9 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली थी.
महाराष्ट्र में अभी मुख्यमंत्री समेत कुल 29 मंत्री हैं. राज्य में करीब 44 मंत्री बनाए जा सकते हैं. कहा जा रहा है कि कैबिनेट का 2 पद रिक्त रखा जाएगा.
- बिहार- यहां कैबिनेट विस्तार अगस्त में ही होना था, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस के बीच गुत्थी नहीं सुलझने की वजह से यह अटक गया. कांग्रेस कैबिनेट की 2 सीट पर दावा ठोक रही है, जबकि लालू यादव की पार्टी एक से ज्यादा देने को तैयार नहीं है.
राहुल गांधी ने भी इंडिया की बैठक में कैबिनेट विस्तार की बात उठाई थी, जिसके बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी के ऊपर टोपी खिसका दी थी. नए कैबिनेट विस्तार में कुल 4 मंत्रियों के शामिल किए जाने की बात कही जा रही है. इनमें 2 आरजेडी और 2 कांग्रेस कोटे से मंत्री बन सकते हैं.
आरजेडी अपने कोटे से दोनों पद सवर्ण समुदाय के नेताओं को दे सकती है क्योंकि, यह दोनों पद उसी कोटे से रिक्त हैं. कांग्रेस अपने कोटे से एक ब्राह्मण और एक ओबीसी को मंत्री पद की शपथ दिलवा सकती है.
नीतीश कैबिनेट का आखिरी विस्तार 16 जून 2023 को हुआ था. उस वक्त जेडीयू कोटे से रत्नेश सादा ने मंत्री पद की शपथ ली थी. उन्हें जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी की जगह कैबिनेट में शामिल किया गया था.
- झारखंड- बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में भी कैबिनेट विस्तार की चर्चा फुल है. यहां पर कांग्रेस कोटे से विस्तार की बात कही जा रही है. झारखंड सरकार में कुल 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन अभी सिर्फ 11 मंत्री हैं. एक सीट पर कांग्रेस दावा कर रही है.
वहीं सरकार में कांग्रेस के 4 मंत्री शामिल हैं. कहा जा रहा है कि 1 मंत्री से कुर्सी ली जा सकती है यानी कांग्रेस अपने 2 विधायक को मंत्री बनाना चाहती है. इसमें से एक पद महिला मंत्री को दिए जाने की चर्चा है.
झारखंड कैबिनेट का आखिरी विस्तार 3 जुलाई 2022 को हुआ था. उस वक्त जेएमएम कोटे से दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी ने मंत्री पद की शपथ ली थी.
- पश्चिम बंगाल- बंगाल में ममता बनर्जी ने विदेश जाने से पहले कुछ मंत्रियों के विभाग बदले हैं. कहा जा रहा है कि विदेश से आने के बाद ममता कैबिनेट का विस्तार कर सकती है. ममता कैबिनेट में नॉर्थ बंगाल के कुछ नेताओं को जगह मिल सकती है.
वहीं मुकुल रॉय या उनके बेटे को भी कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चा है. मुकुल रॉय बीजेपी से पाला बदलकर तृणमूल में शामिल हुए हैं. 69 वर्षीय रॉय कभी ममता बनर्जी के चाणक्य कहे जाते थे.
अमित मित्रा के रिटायर, सुब्रत मुखर्जी के निधन और पार्थ चटर्जी के जेल जाने के बाद से ही ममता बनर्जी कैबिनेट में सीनियर नेताओं की कमी है.
चर्चा मोदी कैबिनेट विस्तार की भी, लेकिन संसद सत्र तक सस्पेंस
चर्चा मोदी कैबिनेट विस्तार की भी काफी समय से है. हाल ही में कैबिनेट में शामिल कई मंत्री संगठन के कामकाज में लगाए गए हैं. इसके बाद माना जा रहा है कि नई विस्तार में इनकी छुट्टी हो सकती है. कुछ नए दावेदारों का नाम भी चर्चा में आया था.
हालांकि, मोदी कैबिनेट का विस्तार होगा या नहीं, इसकी तस्वीर संसद के विशेष सत्र के बाद ही साफ हो पाएगा. 22 सितंबर को संसद विशेष सत्र का आखिरी दिन है. कहा जा रहा है कि अगर सरकार ने समय से पहले चुनाव कराने की घोषणा नहीं की, तो कैबिनेट विस्तार हो सकता है.
वहीं समय से पहले अगर चुनाव की घोषणा होती है, तो कैबिनेट विस्तार पर पेंच फंस सकता है.