मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर्यटन निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल सृजन करने के लिए वचनबद्ध
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा पंजाब को वैलनैस टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर बदलने की वचनबद्धता के अंतर्गत पर्यटन और सांस्कृतिक मामले विभाग ने अर्ध-पहाड़ी क्षेत्र से लेकर कृषि क्षेत्र और नदियों तक फैली भांति-भांति और पर्यटन के संभावित स्थानों के साथ वैलनैस टूरिज्म के क्षेत्र में राज्य की अथाह संभावनाओं को प्रदर्शित किया।
आज यहाँ एमिटी यूनिवर्सिटी में पंजाब पर्यटन और सांस्कृतिक मामले विभाग और इनवैस्ट पंजाब द्वारा साझे तौर पर करवाए गए पहले टूरिज्म समिट और ट्रैवल मार्ट 2023 के उद्घाटन समारोह के दौरान, ‘‘सोलफुल पंजाब: डिस्कवरिंग इनर हारमनी थ्रू वैलनैस टूरिज्म’’ विषय पर पैनल चर्चा की गई और माहिरों ने वैलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में राज्य के इनवेस्टमैंट ईको सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए ठोस प्रयास करने के लिए पंजाब की सराहना की। सैशन में वित्त कमिश्नर वन श्री विकास गर्ग भी उपस्थित थे।
के.पी.एम.जी. के एसोसिएट डायरैक्टर कुलदीप सिंह, जो सैशन का संचालन कर रहे थे, ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हिस्सेदारों से सुझाव लेने के लिए पहले ही वैलनैस टूरिज्म नीति का पहला प्रस्ताव जारी कर दिया है। इस प्रस्तावित नीति के अंतर्गत, राज्य ने ऊर्जा को सुरजीत करने, तंदुरुस्त सेहत को प्रोत्साहित करने और एक सेहतमंद जीवन शैली के लिए उच्च स्तरीय रिज़ोर्ट/ केंद्र खोलने का प्रस्ताव किया है, जहाँ आयुर्वेद, नेचरोपैथी, स्पा, योगा, मेडीटेशन, स्किन केयर जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र पंजाब के नौजवानों के लिए रोजग़ार के अवसर पैदा करने में और अधिक सहायक होंगे।
सतायू आयुर्वेद बैंगलुरु के एम.डी. डॉ. म्रितुनजे स्वामी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पंजाब में वैलनैस पर्यटन की भरपूर संभावना है, क्योंकि पंजाब राज्य द्वारा आयुर्वेद की दवाओं के लिए लगभग 40 प्रतिशत सामग्री ( कच्चा माल) तैयार किया जाता है। इसके अलावा, साल 2022 में वैलनैस पर्यटन उद्योग 800 बिलियन डॉलर तक पहुँचा था और 2030 तक इसमें 12 फीसदी की दर से वृद्धि होने की आशा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद लोग न केवल अपनी सेहत के बारे में और ज्यादा फिक़्रमन्द हुए हैं, बल्कि वह अब अपनी मानसिक सेहत को भी प्राथमिकता देने लगे हैं।
बैंगलुरु स्थित पनाचे वल्र्ड के संस्थापक-निर्देशक, लवलीन मुल्तानी अरुन ने कहा कि आजकल सेहतमंद लोग भी अपनी तंदुरुस्ती के लिए ख़र्च करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि परहेज़ हमेशा इलाज की अपेक्षा बेहतर होता है।
डिजिटल एजुकेशन प्लेटफार्म – क्यूरडमी के संस्थापक हेम खोसला ने कहा कि वह पंजाब को रोग मुक्त बनाने के लिए कपूरथला जि़ले में 50 एकड़ क्षेत्रफल में एक संस्था स्थापित करने जा रहे हैं और लोगों को ख़तरनाक बीमारियों से बचाने के लिए ट्रेनर भी तैयार किये जाएंगे।
ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन फॉर पीपल ऑफ इंडियन ओरीजन (जी.ओ.पी.आई.ओ.), फ्रांंस के प्रधान राजा राम मुन्नूस्वामी ने कहा कि वह पर्यटन गतिविधियों को और बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार के से हाथ मिलाएंगे और वह पंजाब पर्यटन विभाग के साथ एक एमओयू (समझौता) सहीबद्ध करेंगे। उन्होंने कहा कि जी.ओ.पी.आई.ओ. इंटरनेशनल पंजाब के पर्यटन और इस सम्बन्धी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए भी काम करेगा।
नूमेना कंसलटिंग सर्विसिज के संस्थापक रोहित हांस ने कहा कि आज के सैलानी घूमने के लिए केवल आरामदायक और ख़ूबसूरत स्थान ही नहीं तलाशते बल्कि वह संतुष्टी और शान्ति से भरपूर अनुभवों की इच्छा रखते हैं, जो उनको स्थानीय सभ्याचार, विरासत और परम्पराओं के साथ जोड़ते हैं।
पंजाब के पास स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को प्राथमिकता देने की गौरवमयी विरासत है।
पंजाब के पास सेहत और तंदरुस्ती को प्रथमता देने की माणमत्ती विरासत है।
केरल में आयुर्वेद केंद्र ‘‘पेरुमबायल आयुर्वेदमना’’ के मैनेजिंग डायरैक्टर सजीव कुरूप, और श्रीमति विनीता रशिनकर जो एक लेखक, स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती माहिर, वक्ता, आध्यात्मिक सलाहकार और पर्यटन एवं तंदुरुस्ती माहिर हैं, ने भी कहा कि पंजाब में बहुत सी अन-तलाशी गईं, और राज्य में वैलनैस पर्यटन की नवीनतम संभावनाएं मौजूद हैं।